माटी दाई के मया, अचरा के हे छाँव।
सुघ्घर माटी मोर हे, माटी माथ नवाँव।।
उत्ती बेरा के जिहाँ, चिरई बोलय चाॅव ।
इहि माटी मा हे बसे, मोरो सुघ्घर गाॅव ।।
मोर गद्य रचना कोठी
मार्च 16, 2016
चुटकुला
नाती - अपन बाबा ला बाबा ये भ्रष्टाचार काला कथे गा।
बाबा- जात रे दुकान ले मोर बर दवाई लाबे।
नाती- बाबा मोला दुरुया देबे त लाहू।
बाबा- पूछत रहे न भ्रष्टाचार काला कथे इहि ला कथे।
bahut sundar
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